बुधवार, 22 अक्तूबर 2008

मुझे 17 साल से इंसाफ नहीं मिलाः राहुल गांधी

संसद हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु को फांसी देने में हो रही देरी पर सरकार पर हो रहे हमले के जवाब में राहुल गांधी ने कहा है कि मेरे पिता की हत्या के 17 साल बाद भी हमें न्याय नहीं मिला है। राहुल से एक स्टूडंट ने पूछा था कि अफज़ल को अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई।

राहुल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को नहीं दी गई मौत की सज़ा के लिए देश की न्याय प्रणाली को दोषी ठहराया।

राहुल ने एच. एन. बहुगुणा यूनिवर्सिटी में स्टूडंट्स के सामने कहा कि मेरे पिता प्रधानमंत्री थे, मेरी दादी भी प्रधानमंत्री थीं लेकिन मुझे इन्साफ नहीं मिला। मेरे पिता बम हमले में मारे गए। उसमें 40 लोग शामिल थे। इस बात को 17 साल हो गए लेकिन अब तक भी कोई सज़ा नहीं दी गई है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि अफज़ल को फांसी क्यों नहीं दी गई। हमारी न्याय प्रणाली काफी धीमी है।

राहुल ने कहा कि इसके लिए भारत की न्याय प्रणाली को दोषी है, लेकिन मुझे न्यायपालिका में भरोसा है।

बुधवार, 15 अक्तूबर 2008

दासमुंशी को देखने गए राहुल

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी को देखने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गए। इस समय दासमुंशी का इलाज एम्स में चल रहा है। दिल के दौरे के बाद उनको यहां भर्ती किया गया था।

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा. डीके शर्मा ने बताया कि राहुल गांधी करीबन दस मिनट तक दासमुंशी के पास रहे और उनकी देखभाल कर रहे डाक्टरों से उन्होंने दासमुंशी की हालत के बारे में जानकारी ली। राहुल वापस लौटते समय कुछ अन्य रोगियों से भी मिले और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा।

इससे पहले एम्स के प्रवक्ता वाई के गुप्ता ने बताया कि दासमुंशी के सभी महत्वपूर्ण अंगों की स्थिति स्थिर है और उनका रक्तचाप भी नियंत्रण में है। गुप्ता ने बताया कि उनके तंत्रिका तंत्र में भी सुधार जारी है।

गौरतलब है कि 62 वर्षीय दासमुंशी को पिछले दिनों दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स के हृदय रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती किया गया था। पिछले छह महीने में दासमुंशी को दूसरी बार दिल का दौरा पड़ा है।

संस्थान के हृदय रोग विभाग के प्रमुख डा वीके बहल के नेतृत्व में विभिन्न रोगों के विशेषज्ञों का एक बोर्ड गठित किया गया है जो उनकी स्थिति पर निगरानी रख रहा है।

शनिवार, 11 अक्तूबर 2008

शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2008

मुलायम के बेटे से मिले राहुल गांधी

पूर्वी उत्तरप्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर निकले कांग्रेस महासचिव और सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी [सपा] के मुखिया मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश से मुलाकात की। यह मुलाकात यहां से 70 किलोमीटर दूर देवरिया में हुई। दोनों युवा नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई। देवरिया में एक जनसभा को संबोधित करने आए अखिलेश और राहुल की मुलाकात सरकारी विश्रामगृह में हुई। जनसभा के दौरान अखिलेश ने कहा था कि राहुल देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे।

उत्तरप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राम कुमार भार्गव ने बताया कि मुलाकात बंद कमरे में हुई थी और हमें इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं है।

सपा सूत्रों ने बताया कि अखिलेश ने अपनी रैली में सपा और कांग्रेस के गठजोड़ के समर्थन में मतदान करने का आह्वान किया। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर क्षेत्र में बाढ़ के चलते 10 हजार लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े है। यात्रा के दौरान राहुल क्षेत्र के देवरिया, कुशीनगर और पडरौना जिलों के बाढ़ प्रभावित गांवों में गए।

जल्द शादी करना चाहता हूं: राहुल

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा है कि फिलहाल उनके शादी न करने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं हैं। वह जल्द शादी करना चाहते हैं पर उनकी सार्वजनिक जिम्मेदारी निजी जिंदगी से ज्यादा अहम है।

यह जवाब राहुल ने कॉलेज की छात्राओं को उस समय दिया जब उनसे पूछा गया कि 37 साल की उम्र के बावजूद वह शादी क्यों नहीं कर रहे हैं।

इससे पूर्व राहुल का देव समाज कॉलेज फॉर वूमैन परिसर में स्वागत तिरंगा झंडा उठाए छात्राओं ने किया।

राहुल ने भी सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए छात्राओं का अभिवादन स्वीकार किया और एनसीसी, एनएसएस वालंटियरों से आगे बढ़ कर मिले।

शालीनता से दिए जवाब

छात्राओं ने राहुल से सीमावर्ती समस्याएं, नारी शिक्षा, राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और देश के विकास के संदर्भ में उनके विचार जाने। राहुल ने बड़ी ही शालीनता से छात्राओं के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि नारी शिक्षा बहुत अधिक जरूरी है, नारी समाज का निर्माण करती है।

शिक्षित नारी ही भारत के उच्चवल भविष्य को रच सकती है। उन्होंने कहा कि एक सफल देश में नारी के राजनीति मंे प्रवेश को नकारा नहीं जा सकता और नारी राजनीति के क्षेत्र मंे सामाजिक समस्याओं को बेहतर ढंग से आगे ले जाने की क्षमता रखती है।


मत दुखी हो मां मैं तेरा बेटा हूं..

बठिंडा: मत रो मां मैं भी तेरे बेटे जैसा हूं..। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव राहुल गांधी ने आंखें नम कर उनसे मिल रहीं वृद्ध महिला तेज कौर को यह कह ढांढस बंधाया।

जिला परिषद व पंचायत चुनावों में अकालियों की हिंसा का शिकार बने पीड़ित परिवारों में विशेष तौर से बठिंडा के गांव घसोखाना में अकालियों के हाथों मारे गए कांग्रेसी वर्कर हरगोबिंद व स्वर्ण सिंह के परिजन राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। हरगोंिबद सिंह की मां तेज कौर ने तो अपने बेटे की चोटग्रस्त शव के फोटो भी राहुल को दिखाए।

पीड़ित परिवारों से राहुल ने कहा कि वह भी उनके बेटे जैसे हैं। उन्हें कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा अकालियों की शह पर कत्ल व झूठे केस दर्ज होने वाले कांग्रेसियों के परिवारों ने राहुल के सामने दुखड़ा रोया।

दोषियों को सजा दिलाएंगे

परिवारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जाकर मामलों की जांच करवाकर कानून के अनुसार दोषियों को दिलवाई जाएगी। राहुल ने संकेत दिया कि जिला परिषद व पंचायत चुनाव में अकालियों के हाथो मारे गए कांग्रेसी वर्करों के मामलों में केन्द्रीय गृह मंत्रालय अपनी किसी टीम से जांच करा सकती है।

साभार - दैनिक भास्‍कर

बुधवार, 8 अक्तूबर 2008

बाबा साहेब की विरासत पर राहुल बाबा का दावा

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को राजनीति में अभी 'बाबा' कहा जाता है। उनके कुछ बयानों के बाद विपक्ष ने उन्हें 'बाबा' यानी राजनीतिक रूप से बच्चा साबित करने की कोशिश की। मगर इस बाबा की नजर 'बाबा साहेब' यानी भीमराव अंबेडकर की उस विरासत पर है, जिस पर फिलहाल बसपा सुप्रीमो मायावती का राज है।

कांग्रेस के पुराने दलित वोट बैंक को फिर से हासिल करने के लिए हर जतन कर रहे राहुल बाबा ने अब एक और पत्ता फेंका है। राहुल के कहने के बाद युवा कांग्रेस ने अपना सदस्यता शुल्क 15 रुपये से घटाकर 5 रुपये कर दिया है। दरअसल, दलितों के घर खाना खाने से लेकर उनकी झोपड़ियों में रात बिताने और उनकी मदद करने जैसे कदमों से भी जब कांग्रेस सदस्यता के लिए दलित आगे नहीं आए तो राहुल ने अपने सहयोगियों से इस पर चर्चा की।
इस पर कुछ लोगों की सलाह थी कि जिस वर्ग को वह जोड़ना चाहते हैं, उसके लिए यह 15 रुपये की रकम भी बहुत है। इसीलिए, राहुल ने युवा कांग्रेस के सदस्यता शुल्क को 15 के बजाय पांच रुपये करवा दिया। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव ने युवा कांग्रेस को अगला लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा दलित कार्यकर्ताओं को जोड़ने का दिया है। पहले वह इसके लिए कम से कम कोई संख्या तय करना चाहते थे, लेकिन सलाहकारों के कहने पर कोई संख्या नहीं तय की गई है।

राहुल गांधी की कोर टीम के एक सदस्य के मुताबिक, 'अब आने वाले समय में दलितों में से युवाओं को सदस्य बनाने का अभियान तेजी से शुरू किया जाएगा। इतना ही नहीं, पहले विधानसभा चुनाव और फिर बाद में लोकसभा चुनाव में टिकटों के चयन में भी दलित समीकरण को विशेष तरजीह दी जाएगी।' सूत्रों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा दलितों को सदस्य बनाने के लिए खासतौर से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को चुना गया है। इस पूरे अभियान की सीधी निगरानी खुद राहुल गांधी करेंगे।


निर्देश दिए गए हैं कि युवा कांग्रेस में जो नए दलित सदस्य बनाए जा रहे हैं, उनका पूरा ब्यौरा होना चाहिए, ताकि कोई फर्जीवाड़ा न हो सके। दलितों और आम आदमी के बीच धीरे-धीरे अपनी पैठ बनाने की जुगत में 'बाबा' के कार्यक्रम में आने वाले दिनों में और तेजी आने वाली है। खासतौर से युवाओं को ज्यादा सक्रिय करने के लिए राहुल अगले कुछ कदम उठाएंगे। राजस्थान के दौरे में राहुल ने खुद श्रमदान [फावड़ा चलाया] कर इसी संदेश को आगे बढ़ाने की कोशिश की है।

साभार - याहू जागरण

राहुल की पहल पर अमल की वकालत

राहुल गांधी के दो राज्यों में संगठनात्मक चुनाव कराने की पहल के बाद अब सवाल है  कि  क्या अक्सर फर्जी सदस्यता को लेकर विवाद में रही कांग्रेस इस कदम का अनुकरण करेगी।

पार्टी की दो इकाइयों, एनएसयूआई और युवा कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव के लिए पार्टी महासचिव राहुल गांधी की पहल के बाद पार्टी खेमे में अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है।


पूर्व केंद्रीय मंत्री राम निवास मिर्धा का कहना है कि राहुल का कदम हाल के वर्षो में पार्टी में सर्वश्रेष्ठ मिसाल है। युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के प्रभारी राहुल गांधी ने पंजाब और उत्तराखंड राज्यों में क्रमश: इन दोनों इकाईयों के औपचारिक चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। उनके इतिहास में यह इस तरह का पहला अनुभव है।
मिर्धा का सुझाव है कि गांधी के कदम का अनुकरण कांग्रेस में किए जाने की जरूरत है जो अब तक सोनिया गांधी के प्रयास के बावजूद समुचित चुनाव कराने में विफल रही है।

फर्जी सदस्यता की समस्या से कांग्रेस अक्सर रूबरू रही है और इंदिरा गांधी के जमाने में जब उत्तर प्रदेश में पार्टी चुनावों के प्रभारी सीताराम केसरी थे तब यह उक्ति लोकप्रिय थी, न खाता न बही जो कहे केसरी, वो ही सही।

मिर्धा संगठनात्मक चुनाव को समुचित ढंग से सम्पन्न कराने के प्रबल समर्थक हैं। वह कुछ समय तक पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष भी रहे जिसे संगठनात्मक चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा गया था। एक दशक पहले जब सोनिया ने पार्टी की बागडोर संभाली तब इस समिति का गठन किया गया।
युवा कांग्रेस और एनएसयूआई पार्टी की प्रथा की तरह नामांकन संस्कृति अपनाती रही हैं। यहां तक कि कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव भी कभी कभार हुए हैं। पिछली बार 1997 में कोलकाता में पूर्ण अधिवेशन के दौरान समिति के चुनाव हुए हैं।

राहुल के साथ पंजाब के हाल के दौरे में उनके साथ रहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा भी इस बात से प्रभावित हुई कि कैसे युवा नेता युवाओं में उत्साह भर रहे हैं। मिर्धा ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि संगठनात्मक चुनाव कराने से पार्टी पर नियंत्रण के लिए धन बल की नौबत आ सकती है।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने सही सदस्यता सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास किए लेकिन हमने उसे नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि अगर संगठनात्मक चुनाव हुए तो जवाबदेही का प्रश्न खुद हल हो जाएगा और इस समय कोई भी नामित पदाधिकारी वैधता का दावा नहीं कर सकता क्योंकि वे उचित चुनाव के माध्यम से नहीं आए।

मिर्धा ने कहा कि संगठनात्मक चुनाव कराना केवल कांग्रेस तक सीमित नहीं है बल्कि सभी दल अलोकतांत्रिक ढंग से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा चुनाव आयोग में 800 दल पंजीकृत हैं। आयोग के पास उन्हें अमान्य करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दलों को समुचित रूप से संगठित होना चाहिए और उस कानून के तहत पंजीकृत होना चाहिए जो उनसे नियमित और खुला चुनाव कराने की उम्मीद रखता है।

साभार - याहू जागरण

पोटा विफल रहा, ज्यादा कड़ा कानून चाहिए: राहुल

आतंकवाद से निपटने के लिए कड़े कानून की जरूरत पर सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के भीतर ही अलग-अलग सोच है। एक दिन
पहले ही गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा था कि मौजूदा कानून काफी कड़े हैं और किसी नए कानून की जरूरत नहीं है। जबकि, कांग्रेस महासचिव राहलु गांधी ने बुधवार को कहा कि पोटा आतंकवाद से निपटने में विफल रहा है और हमें इसके लिए ज्यादा मजबूत और प्रभावी कानून चाहिए।

अपने तीन दिन के पंजाब दौरे के अंतिम दिन राहुल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ' पोटा एक विफल कानून है। जब पोटा प्रभावी था तभी संसद पर हमला हुआ। इसमें देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री तक की जान जा सकती थी। '

यूपीए सरकार पर आतंकवाद के प्रति नरम होने के लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि जब देश में पोटा कानून लागू था उसी दौरान कंधार विमान अपहरण कांड हुआ और सरकार ने आतंकवादियों की मांगें मान लीं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।

जब राहुल से पूछा गया कि क्या आतंकवाद से लड़ने के लिए मजबूत कानून की जरूरत है तो उन्होंने कहा कि हां होना तो चाहिए लेकिन पोटा नहीं क्योंकि वह एक विफल कानून है। 


साभार - नवभारत टाईम्‍स

राहुल ने पूछा कहां हुई चूक?

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी बुधवार को चामुंडा मंदिर हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जोधपुर पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।

इस दौरान राहुल ने पुलिस, प्रशासन और पीड़ितों से एक ही सवाल किया कि आखिर हादसा कैसे हुआ? चूक कहां हुई। एयरपोर्ट से वे मेहरानगढ़ दुर्ग पहुंचे। वहां मौजूद एसपी व कलेक्टर पर राहुल गांधी ने सवालों की झड़ी लगा दी। उन्होंने इनसे पूछा कि हादसा कैसे हुआ? कैसे इतने लोगों की मौत हुई? अब ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए क्या व्यवस्था की गई है?।
राहुल बारां में : राहुल बुधवार शाम अचानक कोटा पहुंच गए। यहां से वे सीधे बारां के लिए रवाना हो गए। राहुल गुरुवार को बारां के सहरिया क्षेत्रों में चल रहे नरेगा के कार्र्यों को देखेंगे।

साभार - दैनिक भास्‍कर